फिल्म “थैंक गॉड” विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का तुरंत सुनवाई से इनकार, 21 नवंबर को होगी सुनवाई
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- October 19, 2022
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सुप्रीम कोर्ट ने फिल्म अभिनेता अजय देवगन, रकुल प्रीत सिंह और सिद्धार्थ मल्होत्रा स्टारर फिल्म थैंक गॉड (Thank God) की रिलीज़ पर रोक लगाने वाली याचिका पर तुरंत सुनवाई से इंकार कर दिया है।
ग़ौरतलब है कि फिल्म 25 अक्टूबर को रिलीज़ होने वाली है जबकि सुप्रीम कोर्ट फिल्म से जुड़े विवाद की सुनवाई 21 नवंबर को करेगा। इस से फिल्म के निर्माताओं को फ़िलहाल राहत मिली है।
विवाद इस बात पर है कि फिल्म में मुख्य किरदार निभाने में भगवान चित्रगुप्त का अपमान किया गया है।
बता दें कि पूर्व में श्री चित्रगुप्त वेलफेयर ट्रस्ट की ओर से कोर्ट में याचिका दायर कर फिल्म से जुड़े पोस्टर्स और ट्रेलर को यूट्यूब और अन्य इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफॉर्म्स से हटाने की मांग की गयी थी।
याचिका में थिएटर और ओटीटी प्लेटफार्म पर फिल्म की रिलीज़ पर रोक लगाने की भी मांग की गयी थी।
याचिका में आरोप लगाया गया था कि फिल्म की रिलीज़ संविधान के अनुच्छेद 14, 25, और सिनेमाटोग्राफ एक्ट,1952 की धारा 5B का उल्लंघन है।
याचिका में कहा गया था कि फिल्म की रिलीज़ से याची और देश के अन्य कायस्थ समाज के लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत होंगी और प्रतिवादियों द्वारा फिल्म के निर्माण और प्रदर्शन से उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन किया गया है।
याचिका में यह भी मांग की गयी थी कि प्रतिवादियों को भगवान चित्रगुप्त जिनके भारत और दुनिया में करोड़ो अनुयायी है उनका अपमान करने का कोई अधिकार नहीं है।
क्या है सिनेमाटोग्राफ एक्ट, 1952 की धारा 5B :
फिल्मों को प्रमाणित करने के लिए मार्गदर्शन के सिद्धांत – (1) यदि प्रमाण पत्र देने के लिए सक्षम प्राधिकारी की राय में कोई फिल्म या उसका भाग (भारत की प्रभुता और अखण्डता) राज्य की सुरक्षा, विदेशी राज्यों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंधों, लोक व्यवस्था, शिष्टता या नैतिकता के हित के विरुद्ध है या उस से न्यायालय की मानहानि या उसका अवमान होता है अथवा किसी अपराध के लिए जाने का उद्दीपन संभाव्य है तो उस फिल्म को सार्वजनिक प्रदर्शन के लिए प्रमाणित नहीं किया जाएगा।
(2) उपधारा (1) के उपबन्धों के अधीन रहते हुए केंद्र सरकार इस अधिनियम के अधीन प्रमाण पत्र देने के लिए सक्षम प्राधिकारी का सार्वजनिक प्रदर्शन के लिए फिल्मों को मंज़ूरी देने में मार्गदर्शन करने वाले सिद्धान्तों को उपवर्णित करते हुए ऐसे निर्देश जारी कर सकेगी जो वह ठीक समझे।
केस : श्री चित्रगुप्त वेलफेयर ट्रस्ट बनाम vs केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड(CBFC) और अन्य – WP(C) No. 877/2022